Biography of Morari Bapu मोरारी बापू का जीवन परिचय

रामकथा वाचक (Morari Bapu), का जन्म 2 मार्च 1946 को गुजरात के भावनगर जिले के तलगाजर्दा गांव में हुआ था। मोरारी बापू एक प्रमुख भारतीय राम कथावाचक और आध्यात्मिक गुरू हैं। वे रामचरितमानस के गहरे अर्थों को सरल और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करने के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका मुख्य संदेश सत्य, प्रेम, और करुणा है, और वे हिंदू धर्म और संस्कृत ग्रंथों के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य करते हैं।

प्रारंभिक जीवन

मोरारी बापू (Morari Bapu) का पालन-पोषण एक धार्मिक और वैष्णव परिवार में हुआ था। उनके दादा और गुरु, त्रिभुवनदास बापू ने उन्हें रामचरितमानस की चौपाइयों का पाठ और इसके गहरे अर्थ सिखाए। बचपन से ही वे रामचरितमानस के प्रति आकर्षित थे और स्कूल जाते वक्त चौपाइयां पढ़ते थे। इसके बाद, 14 वर्ष की उम्र में, उन्होंने अपने गुरु के मार्गदर्शन में कथा सुनाना शुरू किया और धीरे-धीरे यह उनके जीवन का उद्देश्य बन गया।

आध्यात्मिक यात्रा और योगदान

मोरारी बापू (Morari Bapu) ने अपनी पहली राम कथा 1966 में गुजरात के गंथिला गांव में सुनाई थी। इसके बाद, उन्होंने देश-विदेश में राम कथा का प्रवचन किया और अपनी शैली में कथाएँ प्रस्तुत करने का एक नया तरीका स्थापित किया। उनकी कथाएँ न केवल धार्मिकता की शिक्षा देती हैं, बल्कि वे जीवन में शांति, प्रेम और करुणा का संदेश भी फैलाती हैं।

उन्होंने 1976 में केन्या के नैरोबी में अपनी पहली विदेशी कथा दी और बाद में दुनिया भर में अनेक देशों में प्रवचन किए। बापू की कथाएँ विभिन्न भाषाओं में होती हैं, जैसे हिंदी, गुजराती, और अंग्रेजी, और उनकी व्याख्याएँ व्यापक दर्शकों तक पहुंचती हैं।मोरारी बापू (Morari Bapu) अबतक नौ सौ से ज्यादा राम कथाएं कर चुके हैं।

आध्यात्मिक विचार और शिक्षा

मोरारी बापू(Morari Bapu) धर्म को एक सार्वभौमिक विचार के रूप में प्रस्तुत करते हैं, जिसमें जाति, लिंग या पंथ के भेदभाव से परे सत्य, प्रेम और करुणा की भावना निहित है। उनके अनुसार, धार्मिकता केवल मंदिर या पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में प्रकट होनी चाहिए। वे कहते हैं कि हमें जीवन में ईर्ष्या, घृणा, और निंदा जैसी नकारात्मक भावनाओं से बाहर आकर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

समाज और पर्यावरण से संबंधित विचार

मोरारी बापू (Morari Bapu) पर्यावरण और सामाजिक मुद्दों के प्रति भी जागरूक हैं। वे गायों की पूजा और उनके संरक्षण के पक्षधर हैं, और उनका मानना है कि हमें प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करनी चाहिए। इसके अलावा, वे हमेशा प्रगति और सुधार की बजाय सभी को स्वीकारने की बात करते हैं, और उनकी कथाओं में हर किसी को एक “फूल” के रूप में सम्मानित किया जाता है, न कि अनुयायी के रूप में।

राम कथाओं (Ram Katha) का वैश्विक प्रभाव

मोरारी बापू(Morari Bapu) की कथाओं ने लाखों लोगों के दिलों में जगह बनाई है। उनकी कथाओं में एक विशिष्ट आकर्षण है, जो लोगों को जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करती है। उनके प्रवचनों में दुनिया भर में लाखों लोग शामिल होते हैं, और वे बिना किसी शुल्क के कथा सुनाते हैं, जिससे हर वर्ग के लोग उनसे जुड़ सकते हैं।
मोरारी बापू (Morari Bapu) के जीवन और शिक्षाएँ आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं, और उनकी राम कथा केवल धार्मिक शिक्षा का माध्यम नहीं बल्कि जीवन के हर पहलू में सच्चाई, प्रेम और करुणा का संदेश देने वाली एक शक्तिशाली यात्रा बन चुकी है।

Morari Bapu, a renowned Indian Ram Katha narrator, was born on March 2, 1946, in the village of Talagazarda in Bhavnagar district, Gujarat. He is a prominent spiritual leader, famous for presenting the profound meanings of the Ramcharitmanas in a simple and impactful way. His main message is truth, love, and compassion, and he works to spread awareness about Hinduism and Sanskrit scriptures.

Early Life
Morari Bapu was raised in a religious Vaishnav family. His grandfather and guru, Tribhuvandas Bapu, taught him the verses of Ramcharitmanas and their deeper meanings. From a young age, he was drawn to Ramcharitmanas and would recite its verses on his way to school. At the age of 14, under the guidance of his guru, he began narrating Katha, and gradually it became his life’s purpose.

Spiritual Journey and Contribution
Morari Bapu gave his first Ram Katha in 1966 in the village of Ganthila, Gujarat. After that, he started delivering Ram Katha discourses across India and abroad, establishing a new way of narrating stories in his unique style. His discourses not only impart religious teachings but also spread the message of peace, love, and compassion in life.

In 1976, he gave his first foreign Ram Katha in Nairobi, Kenya, and later delivered discourses in many countries around the world. Bapu’s discourses are delivered in several languages, including Hindi, Gujarati, and English, and his explanations reach a broad audience. Morari Bapu has now delivered more than 900 Ram Katha sessions.

Spiritual Thoughts and Teachings
Morari Bapu presents religion as a universal concept that transcends caste, gender, and religious boundaries, emphasizing the values of truth, love, and compassion. According to him, religiosity is not confined to temples or rituals but should manifest in all aspects of life. He advocates overcoming negative emotions like jealousy, hatred, and criticism, and adopting a positive outlook on life.

Thoughts on Society and Environment
Morari Bapu is also aware of environmental and social issues. He advocates for the worship and protection of cows and believes that we must safeguard natural resources. Moreover, he emphasizes accepting everyone rather than focusing solely on progress and reforms. In his Katha, everyone is honored as a “flower” rather than as a follower.

Global Impact of Ram Katha
Morari Bapu’s Ram Katha has won the hearts of millions of people. His discourses have a unique appeal that inspires people to adopt a positive attitude toward life. Millions of people worldwide attend his discourses, which are delivered free of charge, making them accessible to people from all walks of life.

Morari Bapu’s life and teachings continue to inspire millions, and his Ram Katha has become not just a medium for religious education but a powerful journey that delivers the message of truth, love, and compassion in every aspect of life.

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