Location : Ghaziabad , Uttar Pradesh पता : गाजियाबाद , उत्तरप्रदेश
Specialization : Shri Ram Katha, Bhagwat Katha, Shiv Katha विशेषज्ञता : श्री राम कथा , भागवत कथा , शिव कथा
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Acharya Shailendra Mishra Ji is a renowned storyteller at Sukabhavan Ashram in Vrindavan Dham and is currently the President of Raghav Seva Samiti Ayodhya. His first Katha Yatra was held in 2010 and since then he has organized 105 Bhagwat Kathas, 21 Ram Kathas, and 11 Shivpuran Kathas. He gives credit for these Kathas to the grace of his Guru Shri Netra Pal Shastri Ji.
Born on 1 January 1995 in Vrindavan, Acharya Shailendra Mishra Ji has gained an important place in the society through religious stories and spiritual teachings. His Kathas contain the depth and spirituality of religious stories, which inspire the listeners towards spiritual peace and faith.
As the President of Raghav Seva Samiti, he conducts various religious and social activities, including social service, dissemination of religious education, and organizing devotional programs. Under his leadership, the Samiti has made significant contributions in many religious events and service works, which has further increased its reputation in the society.
Acharya Shailendra Mishra’s stories and his devotion to religion make him a respected religious personality. Many devotees have benefited from his efforts and services and he is considered as an ideal in the religious community.
आचार्य शैलेंद्र मिश्रा जी वृंदावन धाम में सुकभावन आश्रम में प्रख्यात कथावाचक हैं और वर्तमान में राघव सेवा समिति अयोध्या के अध्यक्ष हैं। उनकी पहली कथा यात्रा 2010 में हुई थी और तब से अब तक उन्होंने 105 भागवत कथाएं, 21 रामकथाएं, और 11 शिवपुराण कथाओं का आयोजन किया है। इन कथाओं का श्रेय वे अपने गुरु श्री नेत्रपाल शास्त्री जी की कृपा को देते हैं।
वृंदावन में 1 जनवरी 1995 को जन्मे आचार्य शैलेंद्र मिश्रा जी ने धार्मिक कथाओं और आध्यात्मिक शिक्षाओं के माध्यम से समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। उनकी कथाओं में धार्मिक कथाओं की गहराई और आध्यात्मिकता का समावेश होता है, जो श्रोताओं को आध्यात्मिक शांति और आस्था की ओर प्रेरित करता है।
राघव सेवा समिति के अध्यक्ष के रूप में, वे विभिन्न धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का संचालन करते हैं, जिनमें समाज सेवा, धार्मिक शिक्षा का प्रसार, और भक्ति कार्यक्रमों का आयोजन शामिल है। उनके नेतृत्व में समिति ने कई धार्मिक आयोजनों और सेवा कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे समाज में उनकी प्रतिष्ठा और भी बढ़ी है।
आचार्य शैलेंद्र मिश्रा जी की कथाएं और उनके धर्म के प्रति समर्पण उन्हें एक प्रतिष्ठित धार्मिक व्यक्तित्व बनाते हैं। उनके प्रयासों और सेवाओं से अनेकों भक्तजन लाभान्वित हो चुके हैं और वे धार्मिक समुदाय में एक आदर्श के रूप में माने जाते हैं।