Location : Vrindavan , Uttar Pradesh पता : वृंदावन , उत्तरप्रदेश
Specialization : Shri Ram Katha, Bhagwat Katha विशेषज्ञता : श्री राम कथा , भागवत कथा
Mobile Number : +91 7011125775
Departure From : Customizable यहां से प्रस्थान :अनुकूलन
Lokesh Krishna Ji Maharaj
Birth Place / Date of Birth: Chharora Village / 6 July 1991
Guru:
Education Guru: Nimbarga Acharya Shri Jugal Kishore Ji Maharaj
Diksha Guru: Nimbarga Acharya Shri Jugal Kishore Ji Maharaj (Principal, Shri Dharam Shang Sanskrit Mahavidyalaya, Ramanreti, Vrindavan)
Gurukul: Sanskrit Mahavidyalaya, Ramanreti, Vrindavan Sampurnanand Sanskrit University, Varanasi
Established Organization: Jan Seva Trust
Number of Kathas: 222
Beginning of becoming Katha Pravakta: Vrindavan
Special Points: Touching story spokesperson of all stories.
The entire Gita is memorized.
The number of rituals is unique.
He is blessed with extraordinary talent since childhood.
He has presented all the stories after studying them himself.
At the age of 13, he had acquired the knowledge of the entire Gita.
Completed the study of Grammar, Nyaya and Shastra.
Presented the first Katha in the form of Bhagwat Katha in 2009.
Established Jan Seva Trust in childhood itself.
He actively contributes in the marriage of poor girls and service of Gau Mata.
Lokesh Krishna Ji Maharaj is a unique personality who has brought significant changes in the lives of people through his scholarship and social service. His stories and discourses not only spread religious knowledge but also highlight moral and social values. The Jan Seva Trust established by him is continuously working in the service of various sections of the society.
लोकेश कृष्ण जी महाराज
जन्म भूमि / जन्म तिथि: छरौरा गाँव / 6 जुलाई 1991
गुरु:
शिक्षा गुरु: निम्बर्ग आचार्य श्री जुगल किशोर जी महाराज
दीक्षा गुरु: निम्बर्ग आचार्य श्री जुगल किशोर जी महाराज (प्रधानाचार्य, श्री धरम शंग संस्कृत महाविद्यालय, रमानरेती, वृंदावन)
गुरुकुल:संस्कृत महाविद्यालय, रमानरेती, वृंदावन सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी
स्थापित संगठन: जन सेवा ट्रस्ट
कथा संख्या: 222
कथा प्रवक्ता बनने की शुरुआत: वृंदावन
विशेष बातें: सभी कथाओं के मार्मिक कथा प्रवक्ता
पूरी गीता कंठस्थ है।
अनुष्ठान की संख्या अद्वितीय है।
बचपन से ही असाधारण प्रतिभा के धनी हैं।
सभी कथाएँ स्वयं अध्ययन करके प्रस्तुत की हैं।
13 वर्ष की आयु में पूरी गीता का ज्ञान प्राप्त कर लिया था।
व्याकरण, न्याय और शास्त्र का अध्ययन पूर्ण किया।
प्रथम कथा 2009 में भागवत कथा के रूप में प्रस्तुत की।
बालावस्था में ही जन सेवा ट्रस्ट की स्थापना की।
निर्धन कन्याओं के विवाह और गौ माता की सेवा में सक्रिय योगदान देते हैं।
लोकेश कृष्ण जी महाराज एक अद्वितीय व्यक्तित्व के धनी हैं, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता और समाज सेवा के माध्यम से लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। उनकी कहानियाँ और प्रवचन न केवल धार्मिक ज्ञान का प्रसार करते हैं, बल्कि नैतिक और सामाजिक मूल्यों को भी उजागर करते हैं। उनके द्वारा स्थापित जन सेवा ट्रस्ट समाज के विभिन्न वर्गों की सेवा में निरंतर कार्यरत है।