Location : Shankargarh Shridham Ayodhya , Uttar Pradesh पता : शंकरगढ़ श्रीधाम अयोध्या , उत्तरप्रदेश
Specialization : Shri Ram Katha, Bhagwat Katha, Bhaktmal Ke Pravakta विशेषज्ञता : श्री राम कथा , भागवत कथा , भकतामाल के प्रवक्ता
Mobile Number : +91 7011125775
Departure From : Customizable यहां से प्रस्थान :अनुकूलन
Acharya Avdheshanand Ji Maharaj (Umakant Dubey)
Birthplace / Date of Birth: Shankargarh, Sultanpur (Uttar Pradesh)
Guru: Sampurnanand Sanskrit University, Varanasi (Shiksha Guru and Diksha Guru)
Gurukul: Raghvesh Vedanti Ji Maharaj, Ayodhya Vashishtha Bhawan
Established Organization: Bhadrakali Temple, Shankargarh
Katha Number: Bhagwat Katha Mala, Ram Katha
Beginning of becoming a Katha Preacher: Bhadrakali Temple, Shankargarh
Special thing:
Memorized the entire Gita.
Anushthan Number (Exact number is not mentioned, but has done a notable number of Anushthans).
Amazing talent since childhood.
Acharya Avdheshanand Ji Maharaj, whose birth name is Umakant Dubey, is a famous Katha Preacher. He received both education and initiation from Sampurnanand Sanskrit University, Varanasi. His Gurukul was under Raghvesh Vedanti Ji Maharaj in Vashishtha Bhawan, Ayodhya. He established Bhadrakali Temple, Shankargarh and started his journey as a Katha Pravak from there. His main Kathas are Bhagwat Katha Mala and Ram Katha. Notably, Acharya Avdheshanand Ji Maharaj has memorized the entire Bhagavad Gita and has participated in many religious rituals. His childhood talent was also very unique, which inspired him in this direction.
आचार्य अवधेशानंद जी महाराज (उमाकांत दूबे)
जन्मभूमि / जन्म तिथि: शंकरगढ़, सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश)
गुरु: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी (शिक्षा गुरु एवं दीक्षा गुरु)
गुरुकुल: राघवेश वेदांती जी महाराज, अयोध्या वशिष्ठ भवन
स्थापित संगठन: भद्रकाली मंदिर, शंकरगढ़
कथा संख्या: भागवत कथा माला, राम कथा
कथा प्रवक्ता बनने की शुरुआत: भद्रकाली मंदिर, शंकरगढ़
विशेष बात:
पूरी गीता कंठस्थ।
अनुष्ठान संख्या (सटीक संख्या का विवरण नहीं है, लेकिन उल्लेखनीय संख्या में अनुष्ठान किए हैं)।
बचपन से ही अद्भुत प्रतिभा।
आचार्य अवधेशानंद जी महाराज, जिनका जन्म नाम उमाकांत दूबे है, एक प्रसिद्ध कथा प्रवक्ता हैं। उन्होंने शिक्षा और दीक्षा दोनों ही संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी से प्राप्त की। उनका गुरुकुल अयोध्या के वशिष्ठ भवन में राघवेश वेदांती जी महाराज के अधीन रहा।
भद्रकाली मंदिर, शंकरगढ़ की स्थापना उन्होंने की और वहीं से अपनी कथा प्रवक्ता की यात्रा शुरू की। उनकी प्रमुख कथाएँ भागवत कथा माला और राम कथा हैं। विशेष रूप से, आचार्य अवधेशानंद जी महाराज पूरी भगवद गीता कंठस्थ है और उन्होंने अनेक धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया है। उनकी बचपन की प्रतिभा भी बहुत अद्वितीय थी, जिसने उन्हें इस दिशा में प्रेरित किया।