Location : Ayodhya , Uttar Pradesh पता : अयोध्या , उत्तरप्रदेश
Specialization : Shri Ram Katha, Bhagwat Katha, Shiv Katha, Devi Bhagwat Katha विशेषज्ञता : श्री राम कथा , भागवत कथा , शिव कथा, देवी भागवत कथा
Mobile Number : +91 7011125775
Departure From : Customizable यहां से प्रस्थान :अनुकूलन
Shri Rangamkrishna Shandilya was born in a normal Brahmin family. His childhood was spent in an environment of Sanskrit and rituals. In the year 2005, when he was only 11 years old, he started studying Shukla Yajurveda Madhyadina Samhita. In the year 2009, he was awarded the Veda Pandit Award by the Government of Uttar Pradesh.
He also studied Katha Adhyayan and Astrology. From the year 2012, he started reciting Shri Ram Katha and from 2014, he started reciting Shrimad Bhagwat Katha. Rangamkrishna Shandilya’s life has been associated with many social organizations. He has been associated with the Rashtriya Swayamsevak Sangh and in 2018 he took an active part in the Shri Ram Janmabhoomi Movement, Kisan Samman Movement, and Women Equal Rights Movement.
In the year 2021, Maharajji founded the Abhyudaya Parmarth Trust. In the year 2023, he started the Veda Vidyalaya which is being run with the income received from the Katha.
Rangamkrishna Shandilya has made significant contributions in the field of religion, social service, and education. His Kathas and social activities inspire the younger generation as well as promote harmony and unity in society.
Maharajji has conducted more than a hundred Kathas so far. He has successfully conducted 86 Shrimad Bhagwat Kathas and 42 Shri Ram Kathas.
श्री रंगमकृष्ण शांडिल्य का जन्म एक सामान्य ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनका बचपन संस्कृत और संस्कारों के वातावरण में बीता। वर्ष 2005 में, जब वे केवल 11 वर्ष के थे, उन्होंने शुक्लयजुर्वेद माध्यदिनीय संहिता का अध्ययन शुरू किया। वर्ष 2009 में, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें वेद पंडित पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उन्होंने कथा अध्ययन और ज्योतिष का भी अध्ययन किया। वर्ष 2012 से उन्होंने श्री राम कथा का वाचन प्रारंभ किया और 2014 से श्रीमद् भागवत कथा का वाचन शुरू किया। रंगमकृष्ण शांडिल्य का जीवन कई सामाजिक संगठनों से जुड़ा रहा है। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं और 2018 में उन्होंने श्री राम जन्मभूमि आंदोलन, किसान सम्मान आंदोलन, और महिला समान अधिकार आंदोलन में सक्रिय भाग लिया।
वर्ष 2021 में महाराजजी ने अभ्युदय परमार्थ न्यास की स्थापना की। वर्ष 2023 में स्थापित वेद विद्यालय शुरू किया जो कथा से प्राप्त आय से संचालित हो रहा है।
रंगमकृष्ण शांडिल्य ने धर्म, समाज सेवा, और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी कथाएं और सामाजिक गतिविधियाँ युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के साथ-साथ समाज में समरसता और एकता को बढ़ावा देती हैं।
महाराजजी ने अभी तक सौ से ज्यादा कथाएं की हैं। श्रीमद् भागवत कथा की 86 और श्री राम कथा के 42 सफल आयोजन संपन्न किए हैं।