Location : Amravati , Maharashtra पता : अमरावती , महाराष्ट्र
Specialization : shreemad bhagavat katha, shree raam katha, shree hanumant katha विशेषज्ञता : श्रीमद भागवत कथा, श्री राम कथा, श्री हनुमंत कथा
Mobile Number : +91 7011125775
Departure From : Customizable यहां से प्रस्थान :अनुकूलन
Sri Ramanuja Vaishnavacharya Sri Achyutanandaji Maharaj
Place of Birth: Nagpur, Maharashtra
Childhood place: Amravati, Maharashtra
Initiation Guru: Param Pujya Acharya Anuj Gopal Krishna Shastri Ji Maharaj, Shri Dham Vrindavan
Education Guru: Param Pujya Acharya Anuj Gopal Krishna Shastri Ji Maharaj, Shri Dham Vrindavan
Educational Institution: Srimad Bhagavat Vidyalaya, Gopinath Bazar, Keshi Ghat, Vrindavan, Uttar Pradesh
Established Organization: Shrimad Bhagwat Katha Seva Samiti, Mahendra Colony, Amravati, Maharashtra 444604, operated by Girjai Ansh Charitable Trust
Story number:
Start of becoming a storyteller: From Shri Dham Vrindavan
Ceremony number:
Spiritual orientation: Since childhood
Life introduction
Shri Ramanuja Vaishnavacharya Shri Achutanandaji Maharaj was born in Nagpur, Maharashtra. As a child, his family moved to Amravati, where he began his spiritual journey. His inclination towards spirituality was from childhood and he devoted his life to the service of God and guidance of devotees.
Guidance of spiritual masters
Shri Achyutanandji Maharaj received initiation and education from His Holiness Acharya Anuj Gopal Krishna Shastri Ji Maharaj. Under his guidance, he studied Srimad Bhagavat intensively and received his education at Srimad Bhagavat Vidyalaya in Vrindavan.
organizations and services
Shri Achyutanandji Maharaj established Shrimad Bhagwat Katha Seva Samiti under Girjai Ansh Charitable Trust, which is located in Amravati. Through this organization, they spread spiritual knowledge and organize Bhagwat Katha.
Story teller and ritual
Shri Achyutanandji Maharaj, who started his journey as a Katha Pravakta from Shri Dham Vrindavan, has so far organized 7 major Kathas and conducted 15 major rituals. His stories are deeply infused with devotion and spirituality, which greatly affects his followers and listeners.
The life journey of Shri Achyutanandji Maharaj and his contributions show that he has devoted his life to religion and service. His work and his dedication is not only an inspiration to his followers, but presents a model for the entire society.
श्री रामानुज वैष्णवाचार्य श्री अच्युतानंदजी महाराज
जन्म स्थान: नागपुर, महाराष्ट्र
बचपन का स्थान: अमरावती, महाराष्ट्र
दिक्षा गुरु: परमपुज्य आचार्य अनुज गोपाल कृष्ण शास्त्री जी महाराज, श्री धाम वृंदावन
शिक्षा गुरु: परमपुज्य आचार्य अनुज गोपाल कृष्ण शास्त्री जी महाराज, श्री धाम वृंदावन
शिक्षा संस्थान: श्रीमद भागवत विद्यालय, गोपिनाथ बाजार, केशी घाट, वृंदावन, उत्तर प्रदेश
स्थापित संगठन: गिरजाई अंश चॅरीटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित श्रीमद भागवत कथा सेवा समिति, महेंद्र कॉलोनी, अमरावती, महाराष्ट्र 444604
कथा संख्या: 7
कथा प्रवक्ता बनने की शुरुआत: श्री धाम वृंदावन से
अनुष्ठान संख्या: 15
आध्यात्मिक रूझान: बचपन से ही
जीवन परिचय
श्री रामानुज वैष्णवाचार्य श्री अच्युतानंदजी महाराज का जन्म महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ। बचपन में ही उनका परिवार अमरावती में आ बसा, जहाँ से उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत की। अध्यात्म की ओर उनका रूझान बचपन से ही था और उन्होंने अपने जीवन को भगवान की सेवा और भक्तों के मार्गदर्शन में समर्पित कर दिया।
आध्यात्मिक गुरुओं का मार्गदर्शन
श्री अच्युतानंदजी महाराज ने परमपुज्य आचार्य अनुज गोपाल कृष्ण शास्त्री जी महाराज से दीक्षा और शिक्षा प्राप्त की। इनके मार्गदर्शन में उन्होंने श्रीमद भागवत का गहन अध्ययन किया और वृंदावन में श्रीमद भागवत विद्यालय में शिक्षा ग्रहण की।
संगठन और सेवाएँ
श्री अच्युतानंदजी महाराज ने गिरजाई अंश चॅरीटेबल ट्रस्ट के अंतर्गत श्रीमद भागवत कथा सेवा समिति की स्थापना की, जो अमरावती में स्थित है। इस संगठन के माध्यम से वे आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचार-प्रसार करते हैं और भागवत कथाओं का आयोजन करते हैं।
कथा प्रवक्ता और अनुष्ठान
श्री धाम वृंदावन से अपनी कथा प्रवक्ता की यात्रा की शुरुआत करने वाले श्री अच्युतानंदजी महाराज अब तक 7 प्रमुख कथाओं का आयोजन कर चुके हैं और 15 बड़े अनुष्ठानों का संचालन कर चुके हैं। उनकी कथाओं में भक्तिभाव और आध्यात्मिकता का गहरा संचार होता है, जिससे उनके अनुयायी और श्रोता अत्यधिक प्रभावित होते हैं।
श्री अच्युतानंदजी महाराज की जीवन यात्रा और उनके योगदान से स्पष्ट होता है कि उन्होंने अपने जीवन को धर्म और सेवा के प्रति समर्पित किया है। उनका कार्य और उनका समर्पण न केवल उनके अनुयायियों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि सम्पूर्ण समाज के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करता है।